Sunday, August 26, 2012



आप कहीं मल्टीविटामिन के एडिक्ट तो नहीं
पच्चीस साल की अदिति अपने दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट की बजाए मल्टीविटामिन गोलियों से करती है। हर सुबह वह विटामिन की चार गोलियां लेती है। दोपहर में दो गोली और सोने से पहले एक गोली। अदिति का मानना है कि मल्टीविटामिन की ये गोलियां उसके शरीर के स्टामिना को और भी बढ़ाने में मदद करती हैं साथ में खूबसूरती को भी। मगर कुछ ही दिनों बाद अदिति को काम करते वक्त थकान महसूस होने लगी। डॉक्टरों से चेकअप कराने के बाद पता चला कि मल्टीविटामिन्स की गोलियों ने अदिति के शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाया था।बहुत से युवा आजकल मल्टीविटामिन एडिक्ट होने लगे हैं। अपने आप को चुस्त.दुरूस्तए ऊर्जा से भरपूर और खूबसूरत दिखने के लिए युवा मल्टीविटामिन पर भरोसा करने लगे हैं। इन दवाइयों का शरीर पर क्या असर होगाए इस बात की किसी को चिंता नहीं है। डॉक्टरों की राय मानेंए तो मल्टीविटामिन की गोलियां शरीर को फायदा कम और नुकसान अधिक पहुंचाती हैं। युवा अक्सर ये गोलियां अपनी मानसिक संतुष्टि के लिए खाते हैं। उन्हें लगता है कि ये गोलियां उनके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं। मगर डॉक्टरों का कहना है कि विटामिन की गोलियां किसी भी व्यक्ति को तब दी जाती हैंए जब वह बीमारी की हालत में हो और जरूरी पोषक तत्व शरीर में कम जा रहे हों और रोगी कमजोर महसूस कर रहा हो।मानसिक संतुष्टि के लिए अगर युवाओं को शुगर कोटेड गोली को भी विटामिन की गोली बता दी जाएए तो वे संतुष्ट हो जाते हैं और अच्छा महसूस करते हैं। उन्हें सिर्फ मल्टी.विटामिन गोली से मतलब होता है। जिसे खाकर उन्हें मानसिक शांति मिलती है। युवा अपनी लुक को चेकर काफी दबाव में रहते है। सुंदर और फिट दिखना युवाओं की पहली चाहत होती है। इसके लिए वे आंखें बंद कर मल्टीविटामिन की गोलियों पर भरोसा करते हैं। युवतियां भी अपने आप को सुंदर दिखाने के लिए मल्टीविटामिन को ही शर्ट.कट तरीका मानती हैं। मगर अंत में इन गोलियों के बुरे नतीजे भी उन्हें ही भुगतने पड़ते हैं। हर दिन लिया जाने वाला संतुलित डायट आपके शरीर को सभी पोषक तत्व देता है। किसी भी व्यक्ति को मल्टीविटामिन की गोलियां किसी खास अवस्था में ही डॉक्टर लेने के लिए कहते हैं। बिना डॉक्टरों की राय के किसी भी तरह की मल्टीविटामिन गोली लेना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। कई विटामिन गोलियां ऐसी होती हैंए जो शरीर के लिए काफी हानिकारक होती हैं। अगर आप दूसरी दवाइयां ले रहे हैंए तो विटामिन ष्डीष्ए ष्ईष्ए ष्एष् और ष्केष् शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है। ये शरीर में जाकर जमा हो जाते हैं। विटामिन ष्एष् की अधिकता लीवर को नुकसान पहुंचाती है जबकि विटामिन ष्डीष् की अधिकता से हार्मोनल गड़बड़ी हो जाती है। विटामिन ष्ईष् को अक्सर त्वचा की खूबसूरती के लिए खाया जाता है। मगर शरीर में इसकी जरूरत से ज्यादा अधिकता आंतरिक ब्लीडिंग का कारण बनती है। बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन ष्केष् का सेवन त्वचा को फायदा की बजाए नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसा भी हो सकता हैं कि त्वचा जवां दिखने की बजाए झुर्रियां दिखने लगे। इसलिए मल्टीविटामिन की गोलियां तभी तक लेंए जब तक डॉक्टर कहें। और फिर उन्हीं की सलाह से फौरन बंद भी कर दें।





आज की तालीम

GAZALA KHAN
आज की तालीम........अल्लाह तबारकव तआला ने खुद इर्शाद फरमाया है कि मेरी बारगाह में मांगी गई कोई भी दुआ जाया नहीं जाती। लेकिन मसलन जैसे- किसी ने अस्र की नमाज मंे दुआ की की फलां से मेरे 1000 का कर्जा मिल जाए और वह अस्र के बाद उसके पास चला गया लेकिन उसे रूपए नहीं मिले । अल्लाह पाक इर्शाद फरमाते हैं कि उस पैसे उस वक्त इस लिए नहीं मिले क्योंकि वह उसके हक में ठीक नहीं थे और उसकी दुआ का फायदा उसे ऐसे हुआ कि उसके हक में अस्र के बाद उसका एक्सीडेंट होना था लेकिन उसे उसकी उस दुआ ने उसे एक्सीडेट से बचा दिया। देखा अल्लाह पाक की बारगाह में कि गई दुआ का असर कहां से कहां जा कर कुबूल होता है।,,,,,,,,,,,,,,,, मसलन आप नमाज पढ़े और खुदा से इतनी मुहब्बत करों कि उसे आपसे मुहब्बत करने में मजबूर होना पड़े। 

Thursday, July 5, 2012

Saturday, April 28, 2012

पितृ भक्ति की मिसाल बना बेटा


Mohd Saleem
आज्ञाकारी बेटे की चर्चा सुनते ही जो नाम जेहन में सबसे पहले उभरता हैए वह है श्रवण कुमार का। जिन्होंने अपने दृष्टिबाधित माता.पिता की आज्ञा पर उन्हें कंधे पर बैठाकर तीर्थाटन कराया। यहां का एक बेटा बिना पिता के आदेश के ही 12 साल अतिरिक्त जेल में बिता दिया। उसने ठान लिया था कि जब तक उसके पिता जेल आकर उसे माफ नहीं करेंगे तब तक अपराध की सजा पूरी करने के बाद भी वह जेल से नहीं निकलेगा। दरअसल उस व्यक्ति को अपनी सौतेली मां से मारपीट के अपराध में तीन साल की कैद हो गई थी। सजा के दौरान वह इस बात से परेशान था कि इस प्रकरण से उसके पिता बहुत दुखी होंगे। लिहाजा सजा पूरी करने के बाद भी उसने खुद को दोषी माना। पिता की क्षमा प्रतीक्षा में यह व्यक्ति स्वेच्छा से 12 साल जेल में अतिरिक्त गुजारे।

Thursday, November 3, 2011

यूपी में नहीं मनीला में पैदा हुई 700 करोड़वीं संतान

GAZALA KHAN

दुनिया की आबादी 700 करोड़ हो गई है। दुनिया की 700 करोड़वीं संतान पैदा हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक ये संतान फिलिपींस की राजधानी मनाली के जोस फैबिला मेमोरियल अस्पताल में पैदा हुआ है और ये लड़की है। बच्ची का नाम डानिका मे कामाचू रखा गया है। बच्ची का वजन ढाई किलो है। पहले संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष का अनुमान था कि सात अरबवां बच्चा भारत के उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाला है। यूपी के दो शहर लखनऊ और बागपत से इस बात के दावे भी उभरकर सामने आए थे। लेकिन बाजी मनीला ने मार ली और लखनऊ, बागपत पीछे रह गए। बागपत में बच्चा पैदा होने से पहले ही मिठाइयां बांटी जा रही थीं। लोग खुशियां मना रहे थे। लोगों का कहना था कि सुन्हेडा गांव में इस बच्चे का जन्म होगा। गांव की पिंकी जिस बच्चे को जन्म देती उसके पैदा होते ही दुनिया की आबादी 7 अरब के आंकड़े को छू लेने वाली थी। मालूम हो कि जनसंख्या वृद्धि के हिसाब से भारत में हर मिनट 51 बच्चे पैदा होते हैं। 20 करोड़ की आबादी वाले यूपी में ये आंकड़ा हर मिनट 11 बच्चों का है। इसी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा था कि 7 अरबवां बच्चा यूपी में ही पैदा होगा।

Tuesday, November 1, 2011

छठ: व्रत करने वालों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

बिहार में आस्था के लोकपर्व छठ पर विभिन्न नदी, तालाबों, नहरों पर बने घाटों पर जाकर तथा घर की छतों और आवासीय प्रांगण में बनाए गए कुंड में लाखों की संख्या में व्रत करने वालों तथा श्रद्धालुओं ने आज 

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अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। पटना में गंगा नदी पर बने विभिन्न घाटों पर घुटने तक पानी में खड़े होकर छठ व्रत करने वालों और श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रकृति पूजन के पर्व छठ को लेकर पूरे प्रदेश में श्रद्धालुओं के बीच धार्मिक श्रद्धा और उत्साह का माहौल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार    izLrqfr
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और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गंगा में मोटरवोट पर सवार होकर घाटों का जायजा लिया और व्रत धारियों एवं श्रद्धालुओं को बधाई दी। छठ के मधुर गीतों के बीच पूरे प्रदेश में माहौल इन दिनों भक्तिमय हो गया है और हर तरफ हर्ष और उल्लास का वातावरण देखा जा रहा है। व्रत धारियों और श्रद्धालुओं के साथ विभिन्न घाटों पर पहुंचेच्बच्चे पटाखे फोड़ते देखे गए। गत 30 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुए चार दिनों के इस पर्व के दौरान कल खरना के बाद से आरंभ व्रत धारियों का उपवास आज भी जारी रहा और यह कल प्रातरू सूर्य को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण करके समाप्त होगा।


Wednesday, October 19, 2011

गायब होती जा रही हैं ‘सोन चिरैया

GAZALA KHAN

भंवरों के अतिरिक्त एक चिड़िया भी है, जो सिर्फ फूलों का रस चूसती है। इसका नाम है ‘सोन चिरैया’। बुंदेलखंड में कहीं-कहीं इसे ‘श्याम चिरैया’ के नाम से भी जाना जाता है। अक्सर फुलवारियों में दिखने वाली यह चिड़िया अब गायब होती जा रही है। आमतौर पर भंवरे, मधुमक्खी और तितलियों को ही फूलों से निकलने वाले रस ‘मकरंद’ पर जीवित रहने वाला माना जाता है, लेकिन ‘सोन चिरैया’ या ‘श्याम चिरैया’ का भोजन भी सिर्फ फूलों का रस यानी ‘मकरंद’ है। पहले अक्सर ए चिड़िया फुलवारी (फूलों की बगिया) में दिख जाती थीं, लेकिन अब बहुत कम ‘सोन चिरैया’ नजर आती हैं। इस चिड़िया का वजन 10-20 ग्राम होता है। श्याम रंग की इस चिड़िया के गले में सुनहरी धारी होती है, जो सूर्य की किरण पड़ते ही सोने जैसा चमकती है। रंग और लकीर की वजह से ही इसे ‘सोन चिरैया’ या ‘श्याम चिरैया’ कहा जाता है। इसकी पूंछ भी चोंच की तरह नुकीली होती है और जीभ काले नाग की तरह। अपनी लम्बी जीभ को सांप की तरह बाहर-भीतर कर वह फूलों का रस चूसती है। कभी फूलों की खेती करने वाले बांदा जनपद के खटेहटा गांव के बुजुर्ग मइयाद्दीन माली कहते हैं, ‘सोन चिरैया का आशियाना फुलवारी है। बुंदेलखंड में फूलों की खेती अब बहुत कम की जाती है। यही वजह है कि इन चिड़ियों की संख्या में कमी आई है।’वहीं कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है, ‘गांवों से लेकर कस्बों तक दूरसंचार की विभिन्न कम्पनियों ने टावरों का जाल बिछा दिया है। इनसे निकलने वाली किरणों की चपेट में आकर बड़े पैमाने पर चिड़ियों की मौत हो रही है। ‘सोन चिरैया’ की संख्या में कमी की यह बहुत बड़ी वजह है।’ 
प्रस्तुति 
गजाला खान
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