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Mohd Saleem |
आज्ञाकारी बेटे की चर्चा सुनते ही जो नाम जेहन में सबसे पहले उभरता हैए वह है श्रवण कुमार का। जिन्होंने अपने दृष्टिबाधित माता.पिता की आज्ञा पर उन्हें कंधे पर बैठाकर तीर्थाटन कराया। यहां का एक बेटा बिना पिता के आदेश के ही 12 साल अतिरिक्त जेल में बिता दिया। उसने ठान लिया था कि जब तक उसके पिता जेल आकर उसे माफ नहीं करेंगे तब तक अपराध की सजा पूरी करने के बाद भी वह जेल से नहीं निकलेगा। दरअसल उस व्यक्ति को अपनी सौतेली मां से मारपीट के अपराध में तीन साल की कैद हो गई थी। सजा के दौरान वह इस बात से परेशान था कि इस प्रकरण से उसके पिता बहुत दुखी होंगे। लिहाजा सजा पूरी करने के बाद भी उसने खुद को दोषी माना। पिता की क्षमा प्रतीक्षा में यह व्यक्ति स्वेच्छा से 12 साल जेल में अतिरिक्त गुजारे।